AURVEDIC UPCHAR
* एक केला गाय के दूध से बने दही के साथ सुबह खाने से आराम मिलता है।
* यदि हमेशा छाले परेशान करते हों तो टमाटर भरपूर खाएँ। टमाटर का रस एक गिलास पानी में मिलाकर कुल्ले करने से छाले मिट जाते हैं।
* पान में चने की दाल के बराबर कपूर का टुकड़ा डालकर पान धीरे-धीरे चबाएँ, पीक उतारें नहीं, थूकते जाएँ। अंत में कुल्ला कर लें, इससे शीघ्र लाभ होगा।
* टंकण भस्म 1/4 चम्मच गुनगुने पानी में डलकर गरारे करें, छाले दूर हो जाएँगे।
* चमेली बेल के पत्ते चबाकर मुँह में घोल बना लें, इसे मुँह में ही घुमाते रहें। कुछ समय बाद थूक दें, उतारें नहीं, इससे भी बहुत आराम मिलता है।
* सूखा खोपरा खूब चबा-चबाकर खाएँ, चबाने के बाद पेस्ट जैसा बनाकर मुँह में ही कुछ देर रखें, फिर उतार जाएँ। ऐसा दिन में तीन-चार बार करें, छाले दो दिन में दूर हो जाएँगे।
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* जामुन की गुठली चिकित्सा की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी मानी गई है। इसकी गुठली के अंदर की गिरी में 'जंबोलीन' नामक ग्लूकोसाइट पाया जाता है। यह स्टार्च को शर्करा में परिवर्तित होने से रोकता है। इसी से मधुमेह के नियंत्रण में सहायता मिलती है।
* जामुन के कच्चे फलों का सिरका बनाकर पीने से पेट के रोग ठीक होते हैं। अगर भूख कम लगती हो और कब्ज की शिकायत रहती हो तो इस सिरके को ताजे पानी के साथ बराबर मात्रा में मिलाकर सुबह और रात्रि, सोते वक्त एक हफ्ते तक नियमित रूप से सेवन करने से कब्ज दूर होती है और भूख बढ़ती है।
* इन दिनों कुछ देशों में जामुन के रस से विशेष औषधियों का निर्माण किया जा रहा है, जिनके माध्यम से सिर के सफेद बाल आना बंद हो जाएँगे।
* गले के रोगों में जामुन की छाल को बारीक पीसकर सत बना लें। इस सत को पानी में घोलकर 'माउथ वॉश' की तरह गरारा करना चाहिए। इससे गला तो साफ होगा ही, साँस की दुर्गंध भी बंद हो जाएगी और मसूढ़ों की बीमारी भी दूर हो जाएगी।
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खान-पान में परहेज न करने, सोते समय दाँत साफ न करने, पेट साफ न रहने व कब्ज रहने से मुँह से बदबू आती है।
कई बार भरपूर पानी न पीने से भी मुँह से बदबू आती है। कुछ लोगों के मुँह से बदबू आना प्राकृतिक भी रहता है।
आपके मुँह से बदबू आने पर आपके साथ बात करने वाले आपको हीन नजर से देखते हैं और आपसे दूर रहने का प्रयास करते हैं।
आप इन परिस्थितियों से गुजर रहे हैं तो यहाँ दिए जा रहे टिप्स पर गौर फरमाएँ ये आपको अपने मुँह से आने वाली बदबू से छुटकारा दिलाएँगे
नीम या बबूल की नरम डाली का ब्रश बनाकर दाँत साफ करने से दुर्गंध दूर होती है।
5 ग्राम सौंफ या धनिया या इलायची चबाने से मुख शुद्धि होती है।
इलायची और पुदीना डालकर पान चबाना लाभकर है।
इलायची, दालचीनी तथा सूखी पुदीना पत्ती डालकर बनाए गए घोल से गरारे करना दुर्गंध मिटाता है।
इलायची चबाना भी दुर्गंध रोकता है।
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करेले का नाम सुनते ही जीभ में कड़वाहट-सी घुल जाती है, परंतु इसके कड़वेपन पर न जाएँ, औषधीय गुणों की दृष्टि से यह किसी भी अन्य सब्जी या फल से कम नहीं। करेला ग्रीष्म ऋतु की खुश्क तासीर वाली सब्जी है। इसमें फॉस्फोरस पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
यह कफ की शिकायत दूर करता है।
इसके सेवन से कब्ज ठीक हो जाती है।
भोजन सुगमता से पचता है और भूख खुलकर लगती है।
दमा होने पर बिना मसाले की छौंकी हुई करेले की सब्जी खाने से फायदा होता है।
पेट में गैस बनने या अपच होने पर करेले के रस का सेवन करना चाहिए।
लकवे के मरीज को कच्चा करेला बहुत फायदा करता है।
उल्टी-दस्त या हैजा होने पर करेले के रस में थोड़ा पानी और काला नमक मिलाकर सेवन करने से तुरंत लाभ मिलता है।
यकृत संबंधी बीमारियों के लिए तो करेला रामबाण औषधि है।
जलोदर रोग होने या यकृत बढ़ जाने पर आधा कप पानी में 2 बड़ी चम्मच करेले का रस मिलाकर ठीक होने तक रोजाना तीन-चार बार सेवन करने से लाभ होता है।
पीलिया रोग में पानी में करेला पीसकर खाना चाहिए।
करेला रक्तशोधक सब्जी है।
मधुमेह के रोगी को एक चौथाई कप करेले के रस में समान मात्रा में गाजर का रस मिलाकर पिलाना चाहिए।
खूनी बवासीर होने पर 1 चम्मच करेले के रस में आधा चम्मच शकर मिलाकर एक माह तक सेवन करने से खून आना बंद हो जाता है।
गठिया या हाथ-पैर में जलन होने पर करेले के रस की मालिश करना चाहिए।
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मौसमी जुकाम के इलाज में हल्दी काफी फायदेमंद है। बहती नाक के इलाज के लिए हल्दी को जलाकर इसका धुआं लें, इससे नाक से पानी बहना तेज हो जाएगा व तत्काल आराम मिलेगा। यदि नाक बंद है तो दालचीनी, कालीमिर्च, इलायची और जीरे के बीजों को बराबर मात्रा में लेकर एक सूती कपड़े में बांध लें और इन्हें सूंघें जिससे छींक आएगी।
10 ग्राम गेहूं की भूसी, पांच लौंग और कुछ नमक लेकर पानी में मिलाकर इसे उबाल लें और काढ़ा बनाएं। एक कप काढ़ा पीने से लाभ मिलेगा। हालांकि जुकाम आमतौर पर हल्का-फुल्का ही होता है जिसके लक्षण एक हफ्ते या इससे कम समय के लिए रहते हैं, लेकिन खान-पान की आदतों को लेकर हमें काफी सतर्क रहना चाहिए और यदि जुकाम वगैरह के लक्षण दिखाई दे तो समुचित दवाओं आदि से इलाज कराना चाहिए। डिप्थीरिया होने पर अमलतास के काढ़े से गरारा करने पर जबर्दस्त आराम मिलता है।
तुलसी और अदरक इस मौसम में लाभदायक होते हैं। तुलसी में काफी उपचारी गुण समाए होते हैं, जो जुकाम और फ्लू आदि से बचाव में कारगर हैं। तुलसी की पत्तियां चबाने से कोल्ड और फ्लू दूर रहता है। इसी तरह तुलसी और बांसा की पत्तियां (प्रत्येक 5 ग्राम) पीसकर पानी में मिलाएं और काढ़ा तैयार कर लें। इससे खांसी और दमा में काफी फायदा मिलेगा।
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शहद : यह त्वचा की झुर्रियां मिटाने में बड़ा सहायक है। यह खुश्क त्वचा को मुलायम कर रेशमी व चमकदार बनाता है।
विधि : चेहरे पर शहद की एक पतली तह चढ़ा लें। इसे 15-20 मिनट लगा रहने दें, फिर कॉटनवूल भिगोकर इसे पोंछ लें। तैलीय त्वचा वाले शहद में चार-पांच बूंद नीबू का रस डालकर उपयोग करें।
नीम : यह त्वचा में रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाता है। इसके प्रयोग से मुंहासे में जादू जैसा लाभ होता है।
विधि : चार-पांच नीम की पत्तियों को पीसकर मुलतानी मिट्टी में मिलाकर लगाएं, सूखने पर गरम पानी से धो लें।
केला : यह त्वचा में कसाव लाता है तथा झुर्रियों को मिटाता है।
विधि : पका केला मैश कर चेहरे पर लगाएं। आधा घंटे बाद ठंडे पानी से धो लें।
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सर दर्द ,रुसी और बदहजमी दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय
सर दर्द से राहत के लिए
१. तेज़ पत्ती की काली चाय में निम्बू का रस निचोड़ कर पीने से सर दर्द में अत्यधिक लाभ होता है.
२ .नारियल पानी में या चावल धुले पानी में सौंठ पावडर का लेप बनाकर उसे सर पर लेप करने भी सर दर्द में आराम पहुंचेगा.
३. सफ़ेद चन्दन पावडर को चावल धुले पानी में घिसकर उसका लेप लगाने से भी फायेदा होगा.
४. सफ़ेद सूती का कपडा पानी में भिगोकर माथे पर रखने से भी आराम मिलता है.
५. लहसुन पानी में पीसकर उसका लेप भी सर दर्द में आरामदायक होता है.
६. लाल तुलसी के पत्तों को कुचल कर उसका रस दिन में माथे पर २ , ३ बार लगाने से भी दर्द में राहत देगा.
७. चावल धुले पानी में जायेफल घिसकर उसका लेप लगाने से भी सर दर्द में आराम देगा.
८. हरा धनिया कुचलकर उसका लेप लगाने से भी बहुत आराम मिलेगा.
९ .सफ़ेद सूती कपडे को सिरके में भिगोकर माथे पर रखने से भी दर्द में राहत मिलेगी.
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बालों की रूसी दूर करने के लिए
१. नारियल के तेल में निम्बू का रस पकाकर रोजाना सर की मालिश करें.
२. पानी में भीगी मूंग को पीसकर नहाते समय शेम्पू की जगह प्रयोग करें.
३. मूंग पावडर में दही मिक्स करके सर पर एक घंटा लगाकर धो दें.
४ रीठा पानी में मसलकर उससे सर धोएं.
५. मछली, मीट अर्थात nonveg त्यागकर केवल पूर्ण शाकाहारी भोजन का प्रयोग भी आपकी सर की रूसी दूर करने में सहायक होगा.
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गैस व् बदहजमी दूर करने के लिए
१. भोजन हमेशा समय पर करें.
२. प्रतिदिन सुबह देसी शहद में निम्बू रस मिलाकर चाट लें.
३. हींग, लहसुन, चद गुप्पा ये तीनो बूटियाँ पीसकर गोली बनाकर छाँव में सुखा लें, व् प्रतिदिन एक गोली खाएं.
४. भोजन के समय सादे पानी के बजाये अजवायन का उबला पानी प्रयोग करें.
५. लहसुन, जीरा १० ग्राम घी में भुनकर भोजन से पहले खाएं.
६. सौंठ पावडर शहद ये गर्म पानी से खाएं.
७. लौंग का उबला पानी रोजाना पियें.
८. जीरा, सौंफ, अजवायन इनको सुखाकर पावडर बना लें,शहद के साथ भोजन से पहले प्रयोग करें.
.......................................................................................................................................................................................जब मुंहासे
- मुंहासों पर चंदन का पेस्ट लगाने से यह बैठ जाते हैं। इसके लगातार इस्तेमाल से इनके निशान भी खत्म हो जाते हैं।
- नीम के पानी की भाप लेने से मुंहासे धीरे-धीरे कम हो जाते हैं।
- बेसन और मट्ठे का पेस्ट व जाय फल और दूध का पेस्ट चेहरे पर लगाने से भी मुंहासे कम होते हैं।
- नींबू, टमाटर का रस या कच्चा पपीता लगाने से भी फायदा होता है।
- अजवाइन पाउडर को दही में मिला कर चेहरे पर लगाएं। मुंहासों से छुटकारा मिलेगा।
- कुछ दिनों तक, नहाने से पहले रोजाना सिर में प्याज का पेस्ट लगाएं। बाल सफेद से काले होने लगेंगे।
- नीबू के रस में आंवला पाउडर मिलाकर सिर पर लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
- तिल खाएं। इसका तेल भी बालों को काला करने में कारगर है।
- आधा कप दही में चुटकी भर काली मिर्च और चम्मच भर नींबू रस मिलाकर बालों में लगाए। 15 मिनट बाद बाल धो लें। बाल सफेद से काले होने लगेंगे।
- प्रतिदिन घी से सिर की मालिश करके भी बालों के सफेद होने की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
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कफ और सर्दी जुकाम में
- नाक बह रही हो तो काली मिर्च, अदरक, तुलसी को शहद में मिलाकर दिन में तीन बार लें। नाक बहना रुक जाएगा।
- गले में खराश या सूखा कफ होने पर अदरक के पेस्ट में गुड़ और घी मिलाकर खाएं। आराम मिलेगा।
- नहाते समय शरीर पर नमक रगड़ने से भी जुकाम या नाक बहना बंद हो जाता है।
- तुलसी के साथ शहद हर दो घंटे में खाएं। कफ से छुटकारा मिलेगा।
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हाई ब्लड प्रेशर के लिए घरेलू नुस्खे
हाई ब्लड प्रेशर आजकल सामान्य हो चला है। इसकी बड़ी वजह अनियमित दिनचर्या और आधुनिक जीवन शैली है। ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी लोग अधिक तेजी से इसके शिकार हो रहे हैं।
हाई ब्लड प्रेशर में चक्कर आने लगते हैं, सिर घूमने लगता है। रोगी का किसी काम में मन नहीं लगता। उसमें शारीरिक काम करने की क्षमता नहीं रहती और रोगी अनिद्रा का शिकार रहता है। इस रोग का घरेलू उपचार भी संभव है, जिनके सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करने से बिना दवाई लिए इस भयंकर बीमारी पर पूर्णत: नियंत्रण पाया जा सकता है। जरूरत है संयमपूर्वक नियम पालन की। आइए जानें हाई ब्लड प्रेशर के लिए घरेलू उपाय।
हाई ब्लड प्रेशर के लिए घरेलू उपाय
1) नमक ब्लड प्रेशर बढाने वाला प्रमुख कारक है। इसलिए यह बात सबसे महत्वपूर्ण है कि हाई बी पी वालों को नमक का प्रयोग कम कर देना चाहिए।
2) उच्च रक्तचाप का एक प्रमुख कारण होता है रक्त का गाढा होना। रक्त गाढा होने से उसका प्रवाह धीमा हो जाता है। इससे धमनियों और शिराओं में दवाब बढ जाता है। लहसुन ब्लड प्रेशर ठीक करने में बहुत मददगार घरेलू उपाय है। यह रक्त का थक्का नहीं जमने देती है। धमनी की कठोरता में लाभदायक है। रक्त में ज्यादा कोलेस्ट्ररोल होने की स्थिति का समाधान करती है।
3) एक बडा चम्मच आंवले का रस और इतना ही शहद मिलाकर सुबह-शाम लेने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ होता है।
4) जब ब्लड प्रेशर बढा हुआ हो तो आधा गिलास मामूली गर्म पानी में काली मिर्च पाउडर एक चम्मच घोलकर 2-2 घंटे के फ़ासले से पीते रहें। ब्लड प्रेशर सही करने का बढिया उपचार है।
5) तरबूज के बीज की गिरि तथा खसखस अलग-अलग पीसकर बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें। एक चम्मच मात्रा में प्रतिदिन खाली पेट पानी के साथ लें।
6) बढे हुए ब्लड प्रेशर को जल्दी कंट्रोल करने के लिये आधा गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़कर 2-2 घंटे के अंतर से पीते रहें। हितकारी उपचार है।
7) पांच तुलसी के पत्ते तथा दो नीम की पत्तियों को पीसकर 20 ग्राम पानी में घोलकर खाली पेट सुबह पिएं। 15 दिन में लाभ नजर आने लगेगा।
8) हाई ब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए पपीता भी बहुत लाभ करता है, इसे प्रतिदिन खाली पेट चबा-चबाकर खाएं।
9) नंगे पैर हरी घास पर 10-15 मिनट चलें। रोजाना चलने से ब्लड प्रेशर नार्मल हो जाता है।
10) सौंफ़, जीरा, शक्कर तीनों बराबर मात्रा में लेकर पाउडर बना लें। एक गिलास पानी में एक चम्मच मिश्रण घोलकर सुबह-शाम पीते रहें।
11) पालक और गाजर का रस मिलाकर एक गिलास रस सुबह-शाम पीयें, लाभ होगा।
12) करेला और सहजन की फ़ली उच्च रक्त चाप-रोगी के लिये परम हितकारी हैं।
13) गेहूं व चने के आटे को बराबर मात्रा में लेकर बनाई गई रोटी खूब चबा-चबाकर खाएं, आटे से चोकर न निकालें।
14) ब्राउन चावल उपयोग में लाए। इसमें नमक, कोलेस्टरोल और चर्बी नाम मात्र की होती है। यह उच्च रक्त चाप रोगी के लिये बहुत ही लाभदायक भोजन है।
15) प्याज और लहसुन की तरह अदरक भी काफी फायदेमंद होता है। बुरा कोलेस्ट्रोल धमनियों की दीवारों पर प्लेक यानी कि कैल्शियम युक्त मैल पैदा करता है जिससे रक्त के प्रवाह में अवरोध खड़ा हो जाता है और नतीजा उच्च रक्तचाप के रूप में सामने आता है। अदरक में बहुत हीं ताकतवर एंटीओक्सीडेट्स होते हैं जो कि बुरे कोलेस्ट्रोल को नीचे लाने में काफी असरदार होते हैं। अदरक से आपके रक्तसंचार में भी सुधार होता है, धमनियों के आसपास की मांसपेशियों को भी आराम मिलता है जिससे कि उच्च रक्तचाप नीचे आ जाता है।
16) तीन ग्राम मेथीदाना पावडर सुबह-शाम पानी के साथ लें। इसे पंद्रह दिनों तक लेने से लाभ मालूम होता है।
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स्वस्थ आंखों के घरेलू नुस्खे
आलू
आलू आंखों के लिए काफी अच्छा है। आलू के दो छोटे टुकडों को काटकर आंखों पर 10-15 मिनट तक रखें। इससे आंखों को काफी आराम मिलता है और आंखों की थकावट दूर होती है।
खीरा
खीरा खाने में जितना पौष्टिक है उतना है आंखों के लिए भी कारगर है। खीरे के दो छोटे टुकड़ों को आंखों पर 10-15 मिनट के लिए रखें। इससे आंखे स्वस्थ रहेंगी।
हरी सब्जियां व फल
विटामिन A युक्त सब्जियां व फल आंखों के लिए बहुत फायदेमंद है। इससे आपकी आंखों की रोशनी बढ़ती है। टमाटर, पालक, दूध व दूध से बनी चीजें आंखों के लिए बहुत जरुरी है।
गुलाब की पंखुडियां
गुलाब की 9-10 पंखुडियों को शहतूत की पत्तियों के साथ एक गिलास पानी में डालकर कुछ घंटों के लिए रख दें। उसके बाद उसी पानी से आंखों को धो लें। इससे आपकी आंखों की थकावट दूर होगी।
ठंडे पानी से आंखों को धोएं
अपनी आंखों को कभी भी शुष्क नहीं रहने दें। शुष्क आंखों में कई तरह की परेशानियां होती हैं। इसलिए अपनी आंखों को थोड़ी-थोड़ी देर में ठंडे पानी से धोते रहना चाहिए।
गाजर का जूस
गाजर का जूस आंखों की रोशनी के लिए काफी अच्छा होता है। इसलिए रोज एक गिलास गाजर का जूस लें।
समय पर सोएं आपकी आंखों के लिए जरूरी है कि आपकी नींद पूरी हो। इसलिए एक अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है आपके लिए।
गुलाबजल
आंखों की थकावट दूर करने के लिए आप आंखों में गुलाबजल भी डाल सकती है, लेकिन गुलाब जल डालने से पहले देंख लें कि वो अच्छी क्वालिटी का हो।
टी बैग
प्रयोग में लाए गए टी बैग आंखों पर रखने से आंखों की सूजन में आराम मिलता है। साथ ही आंखों की थकावट भी दूर होती है।
त्रिफला
त्रिफला को पानी में भीगो कर उसके आंखों से पानी धोने पर आंखों की रोशनी बढ़ती है।
तलवे में तेल की मालिश
अगर आप आंखों की समस्या से जूझ रहे हैं तो पैरों के तलवे सरसों के तेल की मालिश करें। इससे आंखों की समस्या दूर होगी।
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...........बिच्छू के डंक मरने का इलाज !
बिच्छू के डंक मरने का इलाज !
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मित्रो बिच्छू काटने पर बहुत दर्द होता है और जिसको बिच्छू काटता है उसके सिवा और कोई जान नही सकता कितना भयंकर कष्ट होता है। तो ऐसी परिस्थिति मे क्या करना चाहिए ? तो बिच्छू काटने पर एक दावा है होमेओपेथी की दवा है !
उसका नाम है Silicea -200 इसका लिकुइड 5 ml घर में रखे । बिच्छू काटने पर इस दावा को जीभ पर एक एक ड्रोप 10-10 मिनट अंतर पर तीन बार देना है । बिच्छू जब काटता है तो उसका जो डंक है न उसको अन्दर छोड़ देता है वो ही सबसे ज्यादा दर्द करता है । इस डंक को बाहर निकलना आसान काम नही है,
डॉक्टर के पास जायेंगे वो काट करेगा चीरा लगायेगा फिर खिंच के निकालेगा उसमे उसमे ब्लीडिंग भी होगी तकलीफ भी होगी । ये मेडिसिन इतनी बेहतरीन मेडिसिन है के आप इसके तीन डोस देंगे 10-10 मिनट पर एक एक बूंद और आप देखेंगे वो डंक अपने आप निकल कर बाहर आ जायेगा। सिर्फ तीन डोस में आधे घन्टे में आप रोगी को ठीक कर सकते है। बहुत जबरदस्त मेडिसिन है ये Silicea 200.
आपको जानकार हैरानी होगी ये मेडिसिन मिट्टी से बनती है,वो नदी कि मिट्टी होती है न जिसमे थोड़ी बालू रहती है उसी से ये मेडिसिन बनती है ।इस मेडिसिन को और भी बहुत सारी काम में आती है । अगर आप सिलाई मशीन में काम करती है तो कभी कभी सुई चुभ जाती है और अन्दर टूट जाती है उस समय भी आप ये मेडिसिन ले लीजिये ये सुई को भी बाहर निकाल देगा।
आप इस मेडिसिन को और भी कई जगह मे प्रयोग कर सकते है जैसे कांटा लग गया हो , कांच घुस गया हो, ततैया ने काट लिया हो, मधुमखी ने काट लिया हो ये सब जो काटने वाले अन्दर जो छोड़ देते है वो सब के लिए आप इसको ले सकते है । बहुत तेज दर्द निवारक है और जो कुछ अन्दर छुटा हुआ है उसको बाहर निकलने की मेडिसिन है ।
और तो और हमारी सेना के जवानो को युद्ध बम आदि के कारण बम के छर्रे शरीर मे रह जाते है ! जिसे डाक्टर मे भाई बहुत बार निकालने के लिए माना कर देते है ! राजीव भाई ने ऐसे बहुत से जवानो को इसी दवा से ठीक किया है ! इसके बहुत ही चमत्कारिक परिणाम आते है !
बहुत सस्ता मेडिसिन है 5 ml सिर्फ 10-20 रूपए की आती है इससे आप कम से कम 50 से 100 लोगों का भला कर सकते है ।पूरी post पढ़ने के लिए बहुत आभार !
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दोस्तो सबसे पहले साँपो के बारे मे एक महत्वपूर्ण बात आप ये जान लीजिये ! कि अपने देश भारत मे 550 किस्म के साँप है ! जैसे एक cobra है ,viper है ,karit है ! ऐसी 550 किस्म की साँपो की जातियाँ हैं ! इनमे से मुश्किल से 10 साँप है जो जहरीले है सिर्फ 10 ! बाकी सब non poisonous है! इसका मतलब ये हुआ 540 साँप ऐसे है जिनके काटने से आपको कुछ नहीं होगा !! बिलकुल चिंता मत करिए !
लेकिन साँप के काटने का डर इतना है (हाय साँप ने काट लिया ) और कि कई बार आदमी heart attack से मर जाता है !जहर से नहीं मरता cardiac arrest से मर जाता है ! तो डर इतना है मन मे ! तो ये डर निकलना चाहिए !
वो डर कैसे निकलेगा ????
जब आपको ये पता होगा कि 550 तरह के साँप है उनमे से सिर्फ 10 साँप जहरीले हैं ! जिनके काटने से कोई मरता है ! इनमे से जो सबसे जहरीला साँप है उसका नाम है !
russell viper ! उसके बाद है karit इसके बाद है viper और एक है cobra ! king cobra जिसको आप कहते है काला नाग !! ये 4 तो बहुत ही खतरनाक और जहरीले है इनमे से किसी ने काट लिया तो 99 % chances है कि death होगी !
लेकिन अगर आप थोड़ी होशियारी दिखाये तो आप रोगी को बचा सकते हैं
होशियारी क्या दिखनी है ???
आपने देखा होगा साँप जब भी काटता है तो उसके दो दाँत है जिनमे जहर है जो शरीर के मास के अंदर घुस जाते हैं ! और खून मे वो अपना जहर छोड़ देता है ! तो फिर ये जहर ऊपर की तरफ जाता है ! मान लीजिये हाथ पर साँप ने काट लिया तो फिर जहर दिल की तरफ जाएगा उसके बाद पूरे शरीर मे पहुंचेगा ! ऐसे ही अगर पैर पर काट लिया तो फिर ऊपर की और heart तक जाएगा और फिर पूरे शरीर मे पहुंचेगा ! कहीं भी काटेगा तो दिल तक जाएगा ! और पूरे मे खून मे पूरे शरीर मे उसे पहुँचने मे 3 घंटे लगेंगे !
मतलब ये है कि रोगी 3 घंटे तक तो नहीं ही मरेगा ! जब पूरे दिमाग के एक एक हिस्से मे बाकी सब जगह पर जहर पहुँच जाएगा तभी उसकी death होगी otherwise नहीं होगी ! तो 3 घंटे का time है रोगी को बचाने का और उस तीन घंटे मे अगर आप कुछ कर ले तो बहुत अच्छा है !
क्या कर सकते हैं ?? ???
घर मे कोई पुराना इंजेक्शन (injection) हो तो उसे ले और आगे जहां सुई(needle) लगी होती है वहाँ से काटे ! सुई(needle) जिस पलास्टिक मे फिट होती है उस प्लास्टिक वाले हिस्से को काटे !! जैसे ही आप सुई के पीछे लगे पलास्टिक वाले हिस्से को काटेंगे तो वो injection एक सक्षम पाईप की तरह हो जाएगा ! बिलकुल वैसा ही जैसा होली के दिनो मे बच्चो की पिचकारी होती है !
उसके बाद आप रोगी के शरीर पर जहां साँप ने काटा है वो निशान ढूँढे ! बिलकुल आसानी से मिल जाएगा क्यूंकि जहां साँप काटता है वहाँ कुछ सूजन आ जाती है और दो निशान जिन पर हल्का खून लगा होता है आपको मिल जाएँगे ! अब आपको वो injection( जिसका सुई वाला हिस्सा आपने काट दिया है) लेना है और उन दो निशान मे से पहले एक निशान पर रख कर उसको खीचना है ! जैसी आप निशान पर injection रखेंगे वो निशान पर चिपक जाएगा तो उसमे vacuum crate हो जाएगा ! और आप खींचेगे तो खून उस injection मे भर जाएगा ! बिलकुल वैसे ही जैसे बच्चे पिचकारी से पानी भरते हैं ! तो आप इंजेक्शन से खींचते रहिए !और आप first time निकलेंगे तो देखेंगे कि उस खून का रंग हल्का blackish होगा या dark होगा तो समझ लीजिये उसमे जहर मिक्स हो गया है !
तो जब तक वो dark और blackish रंग blood निकलता रहे आप खिंचीये ! तो वो सारा निकल आएगा ! क्यूंकि साँप जो काटता है उसमे जहर ज्यादा नहीं होता है 0.5 मिलीग्राम के आस पास होता है क्यूंकि इससे ज्यादा उसके दाँतो मे रह ही नहीं सकता ! तो 0.5 ,0.6 मिलीग्राम है दो तीन बार मे आपने खीच लिया तो बाहर आ जाएगा ! और जैसे ही बाहर आएगा आप देखेंगे कि रोगी मे कुछ बदलाव आ रहा है थोड़ी consciousness (चेतना) आ जाएगी ! साँप काटने से व्यकित unconsciousness हो जाता है या semi consciousness हो जाता है और जहर को बाहर खींचने से चेतना आ जाती है ! consciousness आ गई तो वो मरेगा नहीं ! तो ये आप उसके लिए first aid (प्राथमिक सहायता) कर सकते हैं !
इसी injection को आप बीच से कट कर दीजिये बिलकुल बीच कट कर दीजिये 50% इधर 50% उधर ! तो आगे का जो छेद है उसका आकार और बढ़ जाएगा और खून और जल्दी से उसमे भरेगा !
तो ये आप रोगी के लिए first aid (प्राथमिक सहायता) के लिए ये कर सकते हैं !
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दूसरा एक medicine आप चाहें तो हमेशा अपने घर मे रख सकते हैं बहुत सस्ती है homeopathy मे आती है ! उसका नाम है NAJA (N A J A ) ! homeopathy medicine है किसी भी homeopathy shop मे आपको मिल जाएगी ! और इसकी potency है 200 ! आप दुकान पर जाकर कहें NAJA 200 देदो ! तो दुकानदार आपको दे देगा ! ये 5 मिलीलीटर आप घर मे खरीद कर रख लीजिएगा 100 लोगो की जान इससे बच जाएगी ! और इसकी कीमत सिर्फ पाँच रुपए है ! इसकी बोतल भी आती है 100 मिलीग्राम की 70 से 80 रुपए की उससे आप कम से कम 10000 लोगो की जान बचा सकते हैं जिनको साँप ने काटा है !
और ये जो medicine है NAJA ये दुनिया के सबसे खतरनाक साँप का ही poison है जिसको कहते है क्रैक ! इस साँप का poison दुनिया मे सबसे खराब माना जाता है ! इसके बारे मे कहते है अगर इसने किसी को काटा तो उसे भगवान ही बचा सकता है ! medicine भी वहाँ काम नहीं करती उसी का ये poison है लेकिन delusion form मे है तो घबराने की कोई बात नहीं ! आयुर्वेद का सिद्धांत आप जानते है लोहा लोहे को काटता है तो जब जहर चला जाता है शरीर के अंदर तो दूसरे साँप का जहर ही काम आता है !
तो ये NAJA 200 आप घर मे रख लीजिये !अब देनी कैसे है रोगी को वो आप जान लीजिये !
1 बूंद उसकी जीभ पर रखे और 10 मिनट बाद फिर 1 बूंद रखे और फिर 10 मिनट बाद 1 बूंद रखे !! 3 बार डाल के छोड़ दीजिये !बस इतना काफी है !
और राजीव भाई video मे बताते है कि ये दवा रोगी की जिंदगी को हमेशा हमेशा के लिए बचा लेगी ! और साँप काटने के एलोपेथी मे जो injection है वो आम अस्तप्तालों मे नहीं मिल पाते ! डाक्टर आपको कहेगा इस अस्तपाताल मे ले जाओ उसमे ले जाओ आदि आदि !!
और जो ये एलोपेथी वालो के पास injection है इसकी कीमत 10 से 15 हजार रुपए है ! और अगर मिल जाएँ तो डाक्टर एक साथ 8 से -10 injection ठोक देता है ! कभी कभी 15 तक ठोक देता है मतलब लाख-डेड लाख तो आपका एक बार मे साफ !! और यहाँ सिर्फ 10 रुपए की medicine से आप उसकी जान बचा सकते हैं !
और राजीव भाई इस video मे बताते है कि injection जितना effective है मैं इस दवा(NAJA) की गारंटी लेता हूँ ये दवा एलोपेथी के injection से 100 गुना (times) ज्यादा effective है !
तो अंत आप याद रखिए घर मे किसी को साँप काटे और अगर दवा(NAJA) घर मे न हो ! फटाफट कहीं से injection लेकर first aid (प्राथमिक सहायता) के लिए आप injection वाला उपाय शुरू करे ! और अगर दवा है तो फटाफट पहले दवा पिला दे और उधर से injection वाला उपचार भी करते रहे !
दवा injection वाले उपचार से ज्यादा जरूरी है !!
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तो ये जानकारी आप हमेशा याद रखे पता नहीं कब काम आ जाए हो सकता है आपके ही जीवन मे काम आ जाए ! या पड़ोसी के जीवन मे या किसी रिश्तेदार के काम आ जाए! तो first aid के लिए injection की सुई काटने वाला तरीका और ये NAJA 200 hoeopathy दवा ! 10 - 10 मिनट बाद 1 - 1 बूंद तीन बार
रोगी की जान बचा सकती है !!
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पथरी का सबसे बढ़िया इलाज
सबसे पहले कुछ परहेज !
मित्रो जिसको भी शरीर मे पथरी है वो चुना कभी ना खाएं ! (काफी लोग पान मे डाल कर खा जाते हैं )
क्योंकि पथरी होने का मुख्य कारण आपके शरीर मे अधिक मात्रा मे कैलशियम का होना है | मतलब जिनके शरीर मे पथरी हुई है उनके शरीर मे जरुरत से अधिक मात्रा मे कैलशियम है लेकिन वो शरीर मे पच नहीं रहा है वो अलग बात हे| इसलिए आप चुना खाना बंद कर दीजिए|
आयुर्वेदिक इलाज !
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पखानबेद नाम का एक पौधा होता है ! उसे पथरचट भी कुछ लोग बोलते है ! उसके पत्तों को पानी मे उबाल कर काढ़ा बना ले ! मात्र 7 से 15 दिन मे पूरी पथरी खत्म !! और कई बार तो इससे भी जल्दी खत्म हो जाती !!!
होमियोपेथी इलाज !
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अब होमियोपेथी मे एक दवा है ! वो आपको किसी भी होमियोपेथी के दुकान पर मिलेगी उसका नाम हे BERBERIS VULGARIS ये दवा के आगे लिखना है MOTHER TINCHER ! ये उसकी पोटेंसी हे|
वो दुकान वाला समझ जायेगा| यह दवा होमियोपेथी की दुकान से ले आइये|
(ये BERBERIS VULGARIS दवा भी पथरचट नाम के पोधे से बनी है बस फर्क इतना है ये dilutions form मे हैं पथरचट पोधे का botanical name BERBERIS VULGARIS ही है )
अब इस दवा की 10-15 बूंदों को एक चौथाई (1/ 4) कप गुण गुने पानी मे मिलाकर दिन मे चार बार (सुबह,दोपहर,शाम और रात) लेना है | चार बार अधिक से अधिक और कमसे कम तीन बार|इसको लगातार एक से डेढ़ महीने तक लेना है कभी कभी दो महीने भी लग जाते है |
इससे जीतने भी stone है ,कही भी हो गोलब्लेडर gall bladder )मे हो या फिर किडनी मे हो,या युनिद्रा के आसपास हो,या फिर मुत्रपिंड मे हो| वो सभी स्टोन को पिगलाकर ये निकाल देता हे|
99% केस मे डेढ़ से दो महीने मे ही सब टूट कर निकाल देता हे कभी कभी हो सकता हे तीन महीने भी हो सकता हे लेना पड़े|तो आप दो महिने बाद सोनोग्राफी करवा लीजिए आपको पता चल जायेगा कितना टूट गया है कितना रह गया है | अगर रह गया हहै तो थोड़े दिन और ले लीजिए|यह दवा का साइड इफेक्ट नहीं है |
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ये तो हुआ जब stone टूट के निकल गया अब दोबारा भविष्य मे यह ना बने उसके लिए क्या??? क्योंकि कई लोगो को बार बार पथरी होती है |एक बार stone टूट के निकल गया अब कभी दोबारा नहीं आना चाहिए इसके लिए क्या ???
इसके लिए एक और होमियोपेथी मे दवा है CHINA 1000|
प्रवाही स्वरुप की इस दवा के एक ही दिन सुबह-दोपहर-शाम मे दो-दो बूंद सीधे जीभ पर डाल दीजिए|सिर्फ एक ही दिन मे तीन बार ले लीजिए फिर भविष्य मे कभी भी स्टोन नहीं बनेगा|
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high और low BP का इलाज !
मित्रो राजीव भाई बताते है आयुर्वेद के अनुसार high BP की बीमारी ठीक करने के लिए घर में उपलब्ध कुछ आयुर्वेदिक दबाईया है जो आप ले सकते है । जैसे एक बहुत अच्छी दवा है आप के घर में है वो है दालचीनी जो मसाले के रूप में उपयोग होता है वो आप पत्थर में पिस कर पावडर बनाके आधा चम्मच रोज सुबह खाली पेट गरम पानी के साथ खाइए ;
अगर थोडा खर्च कर सकते है तो दालचीनी को शहद के साथ लीजिये (आधा चम्मच शहद आधा चम्मच दालचीनी) गरम पानी के साथ, ये हाई BP के लिए बहुत अच्छी दवा है । और एक अच्छी दवा है जो आप ले सकते है पर दोनों में से कोई एक । दूसरी दावा है मेथी दाना, मेथी दाना आधा चम्मच लीजिये एक ग्लास गरम पानी में और रात को भिगो दीजिये, रात भर पड़ा रहने दीजिये पानी में और सुबह उठ कर पानी को पि लीजिये और मेथी दाने को चबा के खा लीजिये । ये बहुत जल्दी आपकी हाई BP कम कर देगा, देड से दो महीने में एकदम स्वाभाविक कर देगा ।
और एक तीसरी अच्छी दवा है हाई BP के लिए वो है अर्जुन की छाल । अर्जुन एक वृक्ष होती है उसकी छाल को धुप में सुखा कर पत्थर में पिस के इसका पावडर बना लीजिये । आधा चम्मच पावडर, आधा ग्लास गरम पानी में मिलाकर उबाल ले, और खूब उबालने के बाद इसको चाय की तरह पि ले । ये हाई BP को ठीक करेगा, कोलेस्ट्रोल को ठीक करेगा, ट्राईग्लिसाराईड को ठीक करेगा, मोटापा कम करता है , हार्ट में अर्टेरिस में अगर कोई ब्लोकेज है तो वो ब्लोकेज को भी निकाल देता है ये अर्जुन की छाल । डॉक्टर अक्सर ये कहते है न की दिल कमजोर है आपका; अगर दिल कमजोर है तो आप जरुर अर्जुन की छाल लीजिये हरदिन , दिल बहुत मजबूत हो जायेगा आपका; आपका ESR ठीक होगा, ejection fraction भी ठीक हो जायेगा; बहुत अछि दावा है ये अर्जुन की छाल ।
और एक अछि दावा है हमारे घर में वो है लौकी का रस । एक कप लौकी का रस रोज पीना सबेरे खाली पेट नास्ता करने से एक घंटे पहले ; और इस लौकी की रस में पांच धनिया पत्ता, पांच पुदीना पत्ता, पांच तुलसी पत्ता मिलाके, तिन चार कलि मिर्च पिस के ये सब डाल के पीना .. ये बहुत अच्छा आपके BP ठीक करेगा और ये ह्रदय को भी बहुत व्यवस्थित कर देता है , कोलेस्ट्रोल को ठीक रखेगा, डाईबेटिस में भी काम आता है ।
और एक मुफ्त की दावा है , बेल पत्र की पत्ते - ये उच्च रक्तचाप में बहुत काम आते है । पांच बेल पत्र ले कर पत्थर में पिस कर उसकी चटनी बनाइये अब इस चटनी को एक ग्लास पानी में डाल कर खूब गरम कर लीजिये , इतना गरम करिए के पानी आधा हो जाये , फिर उसको ठंडा करके पि लीजिये । ये सबसे जल्दी उच्च रक्तचाप को ठीक करता है और ये बेलपत्र आपके सुगर को भी सामान्य कर देगा । जिनको उच्च रक्तचाप और सुगर दोनों है उनके लिए बेल पत्र सबसे अछि दावा है ।
और एक मुफ्त की दावा है हाई BP के लिए - देशी गाय की मूत्र पीये आधा कप रोज सुबह खाली पेट ये बहुत जल्दी हाई BP को ठीक कर देता है । और ये गोमूत्र बहुत अद्भूत है , ये हाई BP को भी ठीक करता है और लो BP को भी ठीक कर देता है - दोनों में काम आता है और येही गोमूत्र डाईबेटिस को भी ठीक कर देता है , Arthritis , Gout (गठिया) दोनों ठीक होते है । अगर आप गोमूत्र लगातार पि रहे है तो दमा भी ठीक होता है अस्थमा भी ठीक होता है, Tuberculosis भी ठीक हो जाती है । इसमें दो सावधानिया ध्यान रखने की है के गाय सुद्धरूप से देशी हो और वो गर्भावस्था में न हो ।
low BP की बीमारी के लिए दावा : निम्न रक्तचाप की बीमारी के लिए सबसे अछि दावा है गुड । ये गुड पानी में मिलाके, नमक डालके, नीबू का रस मिलाके पि लो । एक ग्लास पानी में 25 ग्राम गुड, थोडा नमक नीबू का रस मिलाके दिन में दो तिन बार पिने से लो BP सबसे जल्दी ठीक होगा ।
और एक अछि दावा है ..अगर आपके पास थोड़े पैसे है तो रोज अनार का रस पियो नमक डालकर इससे बहुत जल्दी लो BP ठीक हो जाती है , गन्ने का रस पीये नमक डालकर ये भी लो BP ठीक कर देता है, संतरे का रस नमक डाल के पियो ये भी लो BP ठीक कर देता है , अनन्नास का रस पीये नमक डाल कर ये भी लो BP ठीक कर देता है ।
लो BP के लिए और एक बढ़िया दावा है मिसरी और मखन मिलाके खाओ - ये लो BP की सबसे अछि दावा है ।
लो BP के लिए और एक बढ़िया दावा है दूध में घी मिलाके पियो , एक ग्लास देशी गाय का दूध और एक चम्मच देशी गाय की घी मिलाके रातको पिने से लो BP बहुत अछे से ठीक होगा ।
और एक अछि दावा है लो BP की और सबसे सस्ता भी वो है नमक का पानी पियो दिन में दो तिन बार , जो गरीब लोग है ये उनके लिए सबसे अच्छा है । —
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शुगर (diabetes) का इलाज जरूर पढ़े !
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भारत में 5 करोड़ 70 लाख से ज्यादा लोगों को डाइबटीज है और 3 करोड़ से ज्यादा को हो जाएगी अगले कुछ सालों में (सरकार ऐसा कह रही है ) , हर 2 मिनट में एक आदमी डाइबटीज से मर जाता हैं !और complications बहुत है !
किसी की किडनी खराब हो रही है ,किसी का लीवर खराब हो रहा है , किसी को paralisis हो रहा है किसी को brain stroke हो रहा है ,किसी को heart attack आ रहा है ! कुल मिलकर complications
बहुत है diabetes के !!
मधुमेह या चीनी की बीमारी एक खतरनाक रोग है। रक्त ग्लूकोज (blood sugar level ) स्तर बढा़ हूँआ मिलता है, यह रोग मरीजों के (रक्त मे गंदा कोलेस्ट्रॉल,) के अवयव के बढने के कारण होता है। इन मरीजों में आँखों, गुर्दों, स्नायु, मस्तिष्क, हृदय के क्षतिग्रस्त होने से इनके गंभीर, जटिल, घातक रोग का खतरा बढ़ जाता है।
भोजन पेट में जाकर एक प्रकार के ईंधन में बदलता है जिसे ग्लूकोज कहते हैं। यह एक प्रकार की शर्करा होती है। ग्लूकोज हमारे रक्त धारा में मिलता है और शरीर की लाखों कोशिकाओं में पहुंचता है। pancreas (अग्न्याशय) ग्लूकोज उत्पन्न करता है इनसुलिन भी रक्तधारा में मिलता है और कोशिकाओं तक जाता है।
मधुमेह बीमारी का असली कारण जब तक आप लोग नही समझेगे आपकी मधुमेह कभी भी ठीक नही हो सकती है जब आपके रक्त में वसा (गंदे कोलेस्ट्रोल) की मात्रा बढ जाती है तब रक्त में मोजूद कोलेस्ट्रोल कोशिकाओ के चारों तरफ चिपक जाता है !और खून में मोजूद जो इन्सुलिन है कोशिकाओं तक नही पहुँच पाता है (इंसुलिन की मात्रा तो पर्याप्त होती है किन्तु इससे द्वारो को खोला नहीं जा सकता है, अर्थात पूरे ग्लूकोज को ग्रहण कर सकने के लिए रिसेप्टरों की संख्या कम हो सकती है)
वो इन्सुलिन शरीर के किसी भी काम में नही आता है जिस कारण जब हम शुगर level चैक करते हैं शरीर में हमेशा शुगर का स्तर हमेशा ही बढा हुआ होता है क्यूंकि वो कोशिकाओ तक नहीं पहुंची जबकि जब हम बाहर से इन्सुलिन लेते है तब वो इन्सुलिन नया-नया होता है तो वह कोशिकाओं के अन्दर पहुँच जाता है !
अब आप समझ गये होगे कि मधुमेह का रिश्ता कोलेस्ट्रोल से है न कि शुगर से
जब सम्भोग के समय पति पत्नी आपस में नही बना कर रख पाते है या सम्भोग के समय बहुत तकलीफ होती है समझ जाइये मधुमेह हो चूका है या होने वाला है क्योकि जिस आदमी को मधुमेह होने वाला हो उसे सम्भोग के समय बहुत तकलीफ होती है क्योकि मधुमेह से पहले जो बिमारी आती वो है सेक्स में प्रोब्लम होना, मधुमेह रोग में शुरू में तो भूख बहुत लगती है। लेकिन धीरे-धीरे भूख कम हो जाती है। शरीर सुखने लगता है, कब्ज की शिकायत रहने लगती है। बार बार बहुत अधिक प्यास लगती है अधिक पेशाब आना और पेशाब में चीनी आना शुरू हो जाती है और रोगी का वजन कम होता जाता है। शरीर में कहीं भी जख्मध्घाव होने पर वह जल्दी नहीं भरता।
तो ऐसी स्थिति मे हम क्या करें ??
राजीव भाई की एक छोटी सी सलाह है कि आप insulin पर ज्यादा निर्भर ना रहें ! क्यूंकि ये insulin डाईब्टीज से भी ज्यादा खराब है side effect इसके बहुत हैं !! तो आप ये आयुर्वेद की दवा का फार्मूला लिखिये !
और जरूर इस्तेमाल करें !!
100 ग्राम (मेथी का दाना )ले ले इसे धूप मे सूखा कर पत्थर पर पीस कर इसका पाउडर बना लें !
100 ग्राम (तेज पत्ता ) लेलें इसे भी धूप मे सूखा कर पत्थर पर पीस कर इसका पाउडर बना लें !
150 ग्राम (जामुन की गुठली )लेलें इसे भी धूप मे सूखा कर पत्थर पर पीस कर इसका पाउडर बना लें !
250 ग्राम (बेलपत्र के पत्ते ) लेलें इसे भी धूप मे सूखा कर पत्थर पर पीस कर इसका पाउडर बना लें !
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तो
मेथी का दना - 100 ग्राम
तेज पत्ता ------- 100 ग्राम
जामुन की गुठली -150 ग्राम
बेलपत्र के पत्ते - 250 ग्राम
तो इन सबका पाउडर बनाकर इन सबको एक दूसरे मे मिला लें ! बस दवा तैयार है !!
इसे सुबह -शाम (खाली पेट ) 1 से डेड चम्मच से खाना खाने से एक घण्टा पहले गरम पानी के साथ लें !!
2 से 3 महीने लगातार इसका सेवन करें !! (सुबह उठे पेट साफ करने के बाद ले लीजिये )
कई बार लोगो से सीधा पाउडर लिया नहीं जाता ! तो उसके लिए क्या करें ??
आधे से आधा गिलास पानी को गर्म करे उसमे पाउडर मिलाकर अच्छे से हिलाएँ !! वो सिरप की तरह बन जाएगा ! उसे आप आसानी से एक दम पी सकते है ! उसके बाद एक आधा गिलास अकेला गर्म पानी पी लीजिये !!
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अगर आप इसके साथ एक और काम करे तो सोने पे सुहागा हो जाएगा ! और ये दवा का असर बहुत ही जल्दी होगा !! जैसा कि आप जानते है शरीर की सभी बीमारियाँ वात,पित ,और कफ के बिगड़ने से होती हैं !! दुनिया मे सिर्फ दो ही ओषधियाँ है जो इन तीनों के सतर को बराबर रखती है !!
एक है गौ मूत्र , दूसरी है त्रिफला चूर्ण !!
अब आप ठहरे अँग्रेजी मानसिकता के लोग ! गौ मूत्र का नाम सुनते ही आपकी नाक चढ़ गई होगी !!
और हमारी मजबूरी ये है कि आपको गौ मूत्र का महत्व बताना हो तो हमको अमेरिका का उदाहरण देना पड़ेगा !
क्यूंकि अंग्रेज़ मेकोले के बनाए indian education system मे पढ़ कर आपकी बुद्धि ऐसी हो गई है कि
आपको सिर्फ अमेरिका(अंग्रेज़ो ) द्वारा किये गए काम मे ही विश्वास होता है ! आपको कहीं ना कहीं लगता ये अमरीकी बहुत समझदार जो करते है सोच समझ के करते हैं !!
तो खैर आपकी जानकरी के लिए बता दूँ कि अमेरिका ने गौ मूत्र पर 6 पेटेंट ले लिए हैं !! उसको इसका महत्व समझ आने लगा है !! और हमारे शास्त्रो मे करोड़ो वर्षो पहले से इसका महत्व बताया है ! लेकिन गौ मूत्र का नाम सुनते हमारी नाक चढ़ती है !
खैर जिसको पीना है वो पी सकता है ! गौ मूत्र बिलकुल ताजा पिये सबसे बढ़िया !! बाहरी प्रयोग के लिए जितना पुराना उतना अच्छा है लेकिन पीने के लिए ताजा सबसे बढ़िया !! हमेशा देशी गाय का ही मूत्र पिये (देशी गाय की निशानी जिसकी पीठ पर हम्प होता है ) ! 3 -4 घंटे से अधिक पुराना मूत्र ना पिये !!
और याद रखे गौ मूत्र पीना है अर्क नहीं ! आधे से एक सुबह सुबह कप पिये ! सारी बीमारियाँ दूर !
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अब बात करते हैं त्रिफला चूर्ण की !
त्रिफला अर्थात तीन फल !
कौन से तीन फल !
1) हरड़ (Terminalia chebula)
2) बहेडा (Terminalia bellirica)
3) आंवला (Emblica officinalis)
एक बात याद रखें इनकी मात्रा हमेशा 1:2:3 होनी चाहिए ! 1 अनुपात 2 अनुपात 3 !
बाजार मे जितने भी त्रिफला चूर्ण मिलते है सब मे तीनों की मात्रा बराबर होती है ! बहुत ही कम बीमारियाँ होती है जिसमे त्रिफला बराबर मात्रा मे लेना चाहिए !!
इसलिए आप जब त्रिफला चूर्ण बनवाए तो 1 :2 colonthree emoticon मे ही बनवाए !!
सबसे पहले हरड़ 100 ग्राम , फिर बहेड़ा 200 ग्राम और अंत आंवला 300 ग्राम !!
इन तीनों को भी एक दूसरे मे मिलकर पाउडर बना लीजिये !! और रात को एक से डेड चमच गर्म पानी के साथ प्रयोग करें !!
सीधा पाउडर लिया नहीं जाता ! तो उसके लिए क्या करें ??
आधे से आधा गिलास पानी को गर्म करे उसमे पाउडर मिलाकर अच्छे से हिलाएँ !! वो सिरप की तरह बन जाएगा ! उसे आप आसानी से एक दम पी सकते है ! उसके बाद एक आधा गिलास अकेला गर्म पानी पी लीजिये !!
सावधानियाँ !!
चीनी का प्रयोग कभी ना करें और जो sugar free गोलियां का तो सोचे भी नहीं !!
गुड़ खाये , फल खाये ! भगवान की बनाई गई को भी मीठी चीजे खा सकते हैं !!
रात का खाना सर्यास्त के पूर्व करना होगा !! मतलब सूर्य अस्त के बाद भोजन ना करें
ऐसी चीजे ज्यादा खाए जिसमे फाइबर हो रेशे ज्यादा हो, High Fiber Low Fat Diet घी तेल वाली डायेट कम हो और फाइबर वाली ज्यादा हो रेशेदार चीजे ज्यादा खाए। सब्जिया में बहुत रेशे है वो खाए, डाल जो छिलके वाली हो वो खाए, मोटा अनाज ज्यादा खाए, फल ऐसी खाए जिनमे रेशा बहुत है ।
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